बिलासपुर। कोटा तहसील में शनिवार रविवार की छुट्टी के दिन ही बड़े झाड़ के जंगल की 60 डिसमिल जमीन को उद्योग के लिए डायवर्सन करने का मामला सामने आया है। इस जमीन को पूर्व सैनिक को खेती किसानी के लिए शासन ने पट्टे पर आबंटित किया था। खास बात रही कि छुट्टी के दिन आवेदन किया गया, उसी दिन पटवारी प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम आफिस में जमा भी कर दिया गया।
रतनपुर क्षेत्र के ग्राम घांसीपुर निवासी किशन लाल ने खसरा नम्बर 61/10 में से 60 डिसमिल जमीन को औद्योगिक प्रयोजन डायवर्सन के लिए कोटा एसडीएम के समक्ष आवेदन छुट्टी के दिन शनिवार पांच अक्टूबर 2024 को पेश किया। यह आवेदन शपथ पत्र फोटो सहित, किसान किताब की प्रति, बी-1 की नकल, नक्शा, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश बिलासपुर द्वारा प्रदत्त भूमि उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ आवेदन प्रस्तुत किया गया। खास बात रही कि 5 अक्टूबर को आवेदन के साथ संलग्न फार्म पी-।। खसरा पांच शाला की नकल 23 अक्टूबर 2024 को आनलाइन प्रिंट कर निकाली गई है। यही नहीं आवेदन, शपथ पत्र और दूसरी जगहों पर हस्ताक्षर भी अलग अलग हैं।
रकबे की भी गलत जानकारी
इस मामले में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने भी मूल खसरा के रकबे की गलत जानकारी दी। मूल खसरा नंबर 61 रकबा 60 डिसमिल के अनुसार भूमि उपयोग ग्रामीण आबादी, कृषि वाणिज्यिक मार्ग बताया गया है वहीं साल 1928-29 के मिसल रिकॉर्ड में मूल खसरा नंबर 61/1 का रकबा 34.35 एकड़ बताया गया है। जिसमें जमीन का मद बड़े झाड़ का जंगल दर्ज है। इसके साथ ही 6 नवंबर 2024 को जारी अभिमत का पत्र एक महीना पहले ही 5 अक्टूबर को आवेदक के पास पहुंच गया। यही नहीं एसडीएम ने इसे नोट शीट में उल्लेखित भी कर दिया।
निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ का जंगल
उल्लेखनीय है कि निस्तार पत्रक में 61/1 रकबा 34.35 एकड़ भूमि बड़े झाड़ का जंगल मद में दर्ज है। मूल खसरा नंबर 61/1 रकबा 34.35 एकड़ जमीन में से रकबा 2.023 हेक्टेयर जमीन को भूतपूर्व सैनिक किसन लाल पिता हीरालाल को तत्कालीन तहसीलदार ने पांच अप्रैल 1986 को पट्टे पर शासकीय भूमि को भूमि स्वामी हक में दिया गया। इसलिए यह जमीन वाजिब उल अर्ज में खसरा नंबर 61/10 इसलिए भी दर्ज नहीं होगी क्योंकि हाल ही में पूरे पटवारी हल्के के खसरा नंबर में बदलाव किया गया है। नई ऋण पुस्तिका की कापी पर अतिरिक्त तहसीलदार ने 24 अक्टूबर 2024 को हस्ताक्षर भी कर दिया।
वर्सन
जांच कराई जा रही
प्रारंभिक तौर पर दस्तावेजों के अवलोकन से इस मामले में गड़बड़ी दिख रही है। प्रकरण को टीएल में भी रखा गया है। कोटा एसडीएम से जांच कराई जा रही है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- अवनीश शरण, कलेक्टर, बिलासपुर